आतंकियों ने पहलगाम ही क्यों चुना • Pahalgam
2025 के पहलगाम (Pahalgam) आतंकी हमले में रणनीतिक योजना, पाकिस्तान की संलिप्तता और स्थानीय कमजोरियों का शोषण सामने आया। यह विश्लेषण भारत की आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित करने वाली आतंकी रणनीतियों की गहराई से पड़ताल करता है।
2025 के आतंकी हमले में पहलगाम को सॉफ्ट टारगेट के रूप में क्यों चुना गया?
22 अप्रैल 2025 को आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में एक काफिले पर हमला किया। यह इलाका अमरनाथ यात्रा की तैयारियों के दौरान तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से भरा होता है। 2024 की आंतरिक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, यात्रा के दौरान पहलगाम में प्रतिदिन औसतन 25,000 आगंतुक आते हैं। भीड़भाड़ और सीमित निकास मार्ग इसे एक सॉफ्ट टारगेट बनाते हैं, जिससे बिना बड़ी योजना के अधिक प्रभाव डाला जा सकता है।
2025 के पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान आधारित संगठनों की क्या भूमिका रही?
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पुष्टि की कि 2025 में पहलगाम हमला करने वाले आतंकियों के संबंध पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से थे। बरामद हथियार और संचार इंटरसेप्ट पाकिस्तान के स्रोतों से जुड़े पाए गए। गृह मंत्रालय की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 की सीज़फायर उल्लंघनों के बाद पाकिस्तान से घुसपैठ की घटनाओं में 30% की वृद्धि हुई, और दक्षिण कश्मीर का अनंतनाग जिला मुख्य निशाना रहा।
आतंकी मौजूदा भू-राजनीतिक माहौल में पहलगाम पर हमला कर कौन-से रणनीतिक लाभ चाहते हैं?
2025 में भारत की G20 पर्यटन पहल और कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था वैश्विक ध्यान केंद्र में हैं। ऐसे समय में आतंकियों ने पहलगाम को निशाना बनाकर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। संघर्ष प्रबंधन संस्थान की 2025 रिपोर्ट बताती है कि पर्यटन क्षेत्रों में आतंकी हमलों से सालाना आर्थिक गतिविधियों में 18% तक गिरावट आ सकती है। पहलगाम पर हमला धार्मिक, आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता फैलाने का प्रयास था।
यह लेख क्यों ज़रूरी है?
यह लेख 2025 के पहलगाम आतंकी हमले पॉइंट में पड़ताल करता है, जिसमें पाकिस्तान की भूमिका, रणनीतिक लक्ष्य और स्थानीय प्रभावों का विश्लेषण किया गया है। दोहरे सत्यापन और आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर लिखा गया यह लेख भारत की सुरक्षा और भू-राजनीति को समझने के लिए ज़रूरी है, जो आम पाठकों, विश्लेषकों और नीति निर्माताओं के लिए समान रूप से उपयोगी है।
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