कोलंबस डे और भारत से कोलंबस के सम्बन्ध • Columbus Day
अमेरिका में कोलंबस डे (Columbus Day) का महत्व और भारत से क्रिस्टोफर कोलंबस के अनोखे संबंध को जानिए, तथ्यों और विश्लेषणों के साथ बिना किसी दोहराव के।
अमेरिका हर अक्टूबर में कोलंबस डे क्यों मनाता है?
कोलंबस डे अक्टूबर के दूसरे सोमवार को 1492 में क्रिस्टोफर कोलंबस की यात्रा के सम्मान में मनाया जाता है, जिसने अमेरिका के महाद्वीपों के यूरोपीय खोज की नींव रखी। पहली बार 1792 में न्यूयॉर्क सिटी में मनाया गया था। 2023 के पीयू रिसर्च अध्ययन के अनुसार, अब केवल 39% अमेरिकी कोलंबस डे के उत्सव का समर्थन करते हैं, क्योंकि मूलनिवासी अधिकारों और ऐतिहासिक पुनर्व्याख्या को लेकर बहसें बढ़ रही हैं।
कोलंबस 1492 में भारत की तलाश क्यों कर रहा था?
1492 में कोलंबस स्पेन से पश्चिम दिशा में समुद्री मार्ग से भारत तक पहुँचने के इरादे से रवाना हुआ था, जो मसालों और समृद्धि के लिए प्रसिद्ध था। गलती से बहामास पहुँचकर उसने वहाँ के मूल निवासियों को “इंडियन” कहा। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, कोलंबस ने प्टॉलमी के नक्शों का उपयोग किया था, जिससे उसने पृथ्वी की परिधि का लगभग 25% गलत अनुमान लगाया, और अनजाने में अमेरिका की खोज कर ली।
कोलंबस की यात्रा को भारत से आर्थिक रूप से कैसे जोड़ा गया था?
कोलंबस की यात्राओं का मुख्य उद्देश्य आर्थिक था—भारत तक सीधा समुद्री मार्ग खोजकर ओटोमन साम्राज्य के व्यापार नियंत्रण को दरकिनार करना। 1492 में मसालों का व्यापार यूरोप के कुल विलासिता आयात का 30% था। कोलंबस ने स्पेन के राजा फर्डिनेंड और रानी इसाबेला से अपार संपत्ति और ईसाई धर्म प्रचार का वादा किया था, जिससे उसे अभियान के लिए धन मिला। 16वीं सदी के स्पेनिश शाही दस्तावेज़ इस बात की पुष्टि करते हैं।
आधुनिक आंकड़े कोलंबस डे के बदलते महत्व को कैसे दर्शाते हैं?
गैलप (2023) के विश्लेषण के अनुसार, अब 57% अमेरिकी कोलंबस डे के बजाय इंडिजिनस पीपल्स डे को प्राथमिकता देते हैं। नौ अमेरिकी राज्यों, जैसे न्यू मैक्सिको और मेन ने आधिकारिक तौर पर कोलंबस डे को बदल दिया है। सोशल मीडिया पर 2020 से #ColumbusDay हैशटैग का 42% वार्षिक गिरावट दर्शाती है कि अब अमेरिकी जनता अधिक समावेशी ऐतिहासिक दृष्टिकोण अपना रही है।
यह कहानी पढ़ना क्यों जरूरी है?
कोलंबस डे की उत्पत्ति, भारत तक पहुँचने की कोलंबस की भूल और आज के बदलते दृष्टिकोण को जानना ऐतिहासिक तथ्यों की सटीक समझ और सांस्कृतिक संवेदनशीलता बढ़ाता है।
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