शिमला समजोता क्यो साइन किया गया • Shimla Agreement

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शिमला समझौता (Shimla Agreement), 1971 युद्ध के बाद हस्ताक्षरित हुआ, जिसने भारत-पाकिस्तान संबंधों का ढांचा तय किया। इसके उद्देश्य, पाकिस्तान द्वारा उल्लंघन और दक्षिण एशिया पर इसके प्रभाव को जानिए।

1. शिमला समझौता क्यों किया गया था और इसमें क्या वादे थे?
2 जुलाई 1972 को शिमला में भारत की इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच शिमला समझौता हुआ। इसका उद्देश्य 1971 युद्ध के बाद संबंधों को सामान्य करना था। इसमें शांतिपूर्ण समाधान, नियंत्रण रेखा (LoC) का सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की शर्तें थीं। भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार 90,000 से अधिक पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा किया गया था।

2. पाकिस्तान ने कैसे द्विपक्षीय वार्ता के प्रावधान का उल्लंघन किया?
शिमला समझौते के तहत द्विपक्षीय वार्ता का वादा करने के बावजूद पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दा कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार 1972 से 2023 के बीच पाकिस्तान ने 35 से अधिक बार कश्मीर का जिक्र किया। यह शिमला समझौते के अनुच्छेद 1 का उल्लंघन था, जिसमें केवल भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत से समाधान का प्रावधान था।

3. कारगिल युद्ध 1999 ने शिमला समझौते का कैसे उल्लंघन किया?
1999 का कारगिल युद्ध पाकिस्तान द्वारा शिमला समझौते का खुला उल्लंघन था। पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। आधिकारिक भारतीय आंकड़ों के अनुसार 500 से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन सहित विश्व नेताओं ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई की निंदा की और इसे शिमला समझौते के खिलाफ माना।

4. शिमला समझौते के बाद पाकिस्तान ने कितनी बार संघर्षविराम उल्लंघन किए?
2003 के औपचारिक संघर्षविराम समझौते के बाद भी पाकिस्तान ने बार-बार उल्लंघन किया। भारत के रक्षा मंत्रालय के अनुसार 2020 में नियंत्रण रेखा पर 5,100 से अधिक संघर्षविराम उल्लंघन हुए, जो 17 वर्षों में सर्वाधिक थे। ये उल्लंघन न केवल सैन्य स्थिरता को नुकसान पहुँचाते हैं, बल्कि सीमा क्षेत्रों में हजारों नागरिकों की जान भी खतरे में डालते हैं।

5. क्या पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा की स्थिति बदलने का प्रयास किया?
शिमला समझौते के तहत नियंत्रण रेखा की स्थिति को एकतरफा बदलना मना था। फिर भी 1980 के दशक के अंत से जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की घुसपैठ से इस प्रतिबद्धता का उल्लंघन हुआ। दक्षिण एशिया टेररिज्म पोर्टल के अनुसार 1990 से 2000 के बीच घुसपैठ के प्रयासों में लगभग 300% की वृद्धि दर्ज की गई थी।

6. अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने पाकिस्तान के उल्लंघन को कैसे देखा?
अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने अक्सर पाकिस्तान की कार्रवाइयों की आलोचना की है। विशेषकर 1999 के कारगिल संघर्ष के समय संयुक्त राष्ट्र और प्रमुख वैश्विक शक्तियों ने शिमला समझौते के द्विपक्षीय समाधान सिद्धांत को दोहराया। अमेरिका की कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS) की रिपोर्टों ने 1999 से 2021 के बीच पाकिस्तान द्वारा आक्रामक कूटनीतिक गतिविधियों को शिमला समझौते का उल्लंघन बताया।

7. यह कहानी पढ़ना क्यों जरूरी है?
शिमला समझौता और पाकिस्तान के उल्लंघनों को समझना दक्षिण एशिया में स्थिरता की जटिलताओं को जानने के लिए जरूरी है। यह अंतरराष्ट्रीय संधियों के सम्मान के महत्व को भी रेखांकित करता है।

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An educator for over 14 years with a background in science, technology, and geography, I simplify complex social topics with clarity and curiosity. Crisp, clear, and engaging writing is my craft—making knowledge accessible and enjoyable for all.

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