टाइटैनिक सर्वाइवर कर्नल ग्रेसी का पत्र नीलामी में ₹3.4cr पर बिका • Titanic Letter
यह लेख कर्नल आर्चिबाल्ड ग्रेसी के ऐतिहासिक टाइटैनिक पत्र (Titanic Letter) की रिकॉर्ड बिक्री का वर्णन करता है, जो विश्वभर के संग्रहकर्ताओं और इतिहासकारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है।
1. कर्नल ग्रेसी के पत्र ने 2025 में ₹3.4 करोड़ की रिकॉर्ड कीमत कैसे प्राप्त की?
27 अप्रैल 2025 को, विल्टशायर, यूनाइटेड किंगडम स्थित हेनरी एल्ड्रिज एंड सन नीलामी घर में, टाइटैनिक जीवित बचे कर्नल आर्चिबाल्ड ग्रेसी का पत्र £300,000 (लगभग ₹3.4 करोड़) में बिका। इसकी अनुमानित कीमत £60,000 थी, जिसे पांच गुना अधिक प्राप्त हुआ। नीलामीकर्ता एंड्रयू एल्ड्रिज ने इसे “असाधारण संग्रहालय स्तरीय दस्तावेज़” बताया। यह बिक्री बताती है कि टाइटैनिक से जुड़ी प्रामाणिक वस्तुएं आज भी विश्वभर के संग्रहकर्ताओं में कितनी भावनात्मक और आर्थिक महत्व रखती हैं।
2. कर्नल ग्रेसी का पत्र टाइटैनिक के इतिहास में इतना दुर्लभ और भविष्यवाणी जैसा क्यों है?
10 अप्रैल 1912 को, कर्नल ग्रेसी ने टाइटैनिक के केबिन C51 से यह पत्र लिखा था। 11 अप्रैल को इसे आयरलैंड के क्वीनस्टाउन (अब कोभ) में पोस्ट किया गया और 12 अप्रैल को लंदन से मुहर लगी। इस पत्र में ग्रेसी ने लिखा कि वह “अपनी यात्रा के अंत तक” जहाज के बारे में निर्णय नहीं करेंगे। इस दुर्लभ दस्तावेज़ ने त्रासदी से कुछ दिन पहले की भावनात्मक स्थिति को संजोकर रखा है, जो अब एक ऐतिहासिक खजाना बन चुका है।
3. टाइटैनिक हादसे में कर्नल ग्रेसी ने कैसे बचाव पाया और उनकी क्या विरासत रही?
करीब 2,200 यात्रियों और कर्मचारियों में से जीवित बचे लगभग 700 लोगों में से कर्नल ग्रेसी भी थे। उन्होंने डूबते हुए एक पलटे हुए लाइफबोट पर चढ़कर जान बचाई। हादसे के बाद उन्होंने The Truth About The Titanic नामक पुस्तक लिखी, जिसमें उन्होंने अपनी अनुभव साझा किए। हाइपोथर्मिया और चोटों के चलते उनकी तबीयत बिगड़ गई और 2 दिसंबर 1912 को कोमा में चले गए तथा दो दिन बाद उनका निधन हो गया। उनकी पुस्तक आज भी टाइटैनिक शोध में एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
4. यह टाइटैनिक नीलामी कथा आज पढ़ने लायक क्यों है?
यह पत्र हमें टाइटैनिक त्रासदी से भावनात्मक रूप से जोड़ता है। इसकी दुर्लभता और रिकॉर्ड बिक्री इसे इतिहास का अमूल्य अध्याय बनाती है।
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