भारत ने 10 वर्षों में 171 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर रचा ऐतिहासिक कीर्तिमान • Poverty in India

Poverty in India

भारत ने 2012 से 2022 के बीच 171 मिलियन लोगों को अत्यधिक गरीबी (Poverty in India) से बाहर निकाला। इस लेख में प्रमुख आंकड़े, राज्यों की भूमिका, आर्थिक परिवर्तन और रोजगार प्रवृत्तियों का विश्लेषण किया गया है।

1. भारत ने 2012-2022 के बीच कितने लोगों को गरीबी से बाहर निकाला?
27 अप्रैल 2025 को प्रकाशित वर्ल्ड बैंक की ‘Poverty & Equity Brief’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2011-12 से 2022-23 के बीच 171 मिलियन लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला। इस अवधि में गरीबी दर 16.2% से घटकर मात्र 2.3% रह गई। यह उपलब्धि भारत की आर्थिक नीतियों, सामाजिक कल्याण योजनाओं और समावेशी विकास के ठोस प्रयासों का परिणाम है।

2. ग्रामीण और शहरी गरीबी दर में कितना अंतर आया?
वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण अत्यधिक गरीबी दर 18.4% से घटकर 2.8% हो गई, जबकि शहरी गरीबी दर 10.7% से 1.1% पर आ गई। ग्रामीण-शहरी अंतर 7.7% से घटकर 1.7% रह गया। यह आंकड़ा भारत में समग्र क्षेत्रीय विकास को दर्शाता है, हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार प्रयास की आवश्यकता बनी हुई है।

3. भारत ने निम्न-मध्यम-आय वर्ग में कैसे प्रवेश किया?
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने $3.65 प्रतिदिन के निम्न-मध्यम-आय गरीबी रेखा के तहत गरीबी दर को 61.8% से घटाकर 28.1% किया। इस अवधि में 378 मिलियन से अधिक लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे। यह आर्थिक सुधार, वित्तीय समावेशन और सरकारी योजनाओं की सफलता का प्रमाण है, जिससे देश ने वैश्विक मंच पर एक मजबूत स्थान बनाया।

4. गरीबी घटाने में किन राज्यों का प्रमुख योगदान रहा?
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश ने 2011-12 में भारत के 65% अत्यंत गरीबों का प्रतिनिधित्व किया। 2022-23 तक इन राज्यों ने गरीबी में कुल गिरावट का दो-तिहाई हिस्सा प्रदान किया। हालांकि, अब भी ये राज्य देश के 54% अत्यंत गरीबों और 51% बहुआयामी गरीबों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिससे स्पष्ट है कि आगे भी लक्षित प्रयास जरूरी हैं।

5. ग्रामीण-शहरी गरीबी अंतर में कमी का क्या अर्थ है?
2011-12 में ग्रामीण-शहरी गरीबी का अंतर 7.7% था, जो 2022-23 में घटकर 1.7% रह गया। ग्रामीण गरीबी में प्रति वर्ष औसतन 7% और शहरी गरीबी में 6.5% की गिरावट देखी गई। इससे यह स्पष्ट होता है कि मनरेगा और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसी योजनाओं ने जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाए हैं।

6. रोजगार के मोर्चे पर क्या परिवर्तन आया है?
वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 के बाद से रोजगार वृद्धि ने कार्यशील आयु वर्ग की वृद्धि को पीछे छोड़ दिया है। महिला श्रमिक भागीदारी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। हालांकि, युवाओं में बेरोजगारी दर 13.3% और उच्च शिक्षा प्राप्त स्नातकों में 29% बनी हुई है। साथ ही, गैर-कृषि औपचारिक रोजगार अभी भी केवल 23% है, जो सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है।

7. वैश्विक स्तर पर भारत की गरीबी उन्मूलन प्रगति कैसी रही?
दुनिया भर में भारत की गरीबी में गिरावट सबसे तेज़ रही है। 16.2% से 2.3% तक की गिरावट वैश्विक औसत से काफी बेहतर है। वर्ल्ड बैंक ने भारत के ग्रामीण विकास को विशेष रूप से प्रशंसनीय बताया है। हालांकि, युवा बेरोजगारी और अनौपचारिक नौकरियों जैसी चुनौतियाँ भारत को वैश्विक स्तर पर अन्य विकासशील देशों के साथ जोड़ती हैं।

8. यह कहानी पढ़ना क्यों ज़रूरी है?
भारत की 171 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की उपलब्धि विकासशील देशों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह सफल नीतिगत रणनीतियों का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है।

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An educator for over 14 years with a background in science, technology, and geography, I simplify complex social topics with clarity and curiosity. Crisp, clear, and engaging writing is my craft—making knowledge accessible and enjoyable for all.

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