पहलगाम (Pahalgam) हमले के बाद 5 मुख्य निर्णय भारत द्वारा
पहल्गाम (Pahalgam) आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कई निर्णायक कदम उठाए, जिनका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करना और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देना था। नीचे पाँच प्रमुख निर्णयों का विवरण दिया गया है:
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सिंधु जल संधि का निलंबन
भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह निर्णय पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के समर्थन को समाप्त करने तक प्रभावी रहेगा। यह कदम पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने और आतंकवाद के खिलाफ भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को दर्शाता है। -
वाघा-अटारी सीमा का बंद होना
भारत ने पाकिस्तान के साथ एकमात्र सड़क मार्ग वाघा-अटारी सीमा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया। इस निर्णय से दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार और लोगों के आवागमन पर रोक लगी है, जिससे पाकिस्तान पर आर्थिक और कूटनीतिक दबाव बढ़ा है। -
पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा प्रतिबंध
भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों के लिए SAARC वीज़ा छूट योजना को रद्द कर दिया और सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया। यह निर्णय आतंकवाद के खिलाफ भारत की कठोर नीति और सुरक्षा चिंताओं को दर्शाता है। -
सुरक्षा बलों की स्थायी तैनाती
पहल्गाम हमले के बाद, भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर अमरनाथ यात्रा मार्ग पर, सेना और अर्धसैनिक बलों की स्थायी तैनाती का निर्णय लिया। इससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है और भविष्य में ऐसे हमलों की संभावना कम होगी। -
राजनयिक संबंधों में कटौती
भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को घटाते हुए, पाकिस्तानी उच्चायोग के सैन्य सलाहकारों को निष्कासित किया और इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या कम की। यह कदम आतंकवाद के खिलाफ भारत की कड़ी प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति का हिस्सा है।
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