पाहलगाम हमले के बाद NSAB का पुनर्गठन • National Security Advisory Board
22 अप्रैल 2025 को हुए पाहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB, National Security Advisory Board) का पुनर्गठन किया है ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जा सके और भविष्य के खतरों को रोका जा सके।
1. NSAB के पुनर्गठन की आवश्यकता क्यों पड़ी?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। हमलावरों ने हिंदू पर्यटकों को अलग कर निशाना बनाया, जिससे सुरक्षा चूकें सामने आईं। इस हमले के बाद सरकार ने NSAB का पुनर्गठन कर रणनीतिक सुरक्षा व्यवस्था को और सशक्त बनाने का निर्णय लिया।
2. NSAB में कौन-कौन नए चेहरे शामिल हुए हैं?
पुनर्गठित NSAB में छह नए सदस्य शामिल हुए हैं: तीन पूर्व सैन्य अधिकारी—लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह, एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा, और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना; दो पूर्व आईपीएस अधिकारी—राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह; तथा एक पूर्व आईएफएस अधिकारी बी. वेंकटेश वर्मा। इनकी विविध पृष्ठभूमियाँ राष्ट्रीय सुरक्षा की जटिल चुनौतियों को समझने में अहम भूमिका निभाएंगी।
3. आलोक जोशी को NSAB का प्रमुख क्यों बनाया गया?
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को NSAB का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उन्हें खुफिया जानकारी और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों का गहरा अनुभव है। उनकी नियुक्ति से भारत की रणनीतिक सुरक्षा प्रतिक्रिया और अधिक सुदृढ़ होने की उम्मीद की जा रही है, खासकर पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनज़र।
4. भारत की सुरक्षा प्रणाली में NSAB की भूमिका क्या है?
NSAB की स्थापना दिसंबर 1998 में हुई थी और यह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) को दीर्घकालिक सुरक्षा विषयों पर सलाह देता है। बोर्ड रणनीतिक विश्लेषण और नीतिगत सुझाव प्रदान करता है, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटा जा सके। वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए इसके पुनर्गठन से सलाहकारी क्षमताएं और मजबूत होंगी।
त्वरित तथ्य बॉक्स:
हमले की तारीख: 22 अप्रैल 2025
स्थल: पाहलगाम, जम्मू-कश्मीर
मृतकों की संख्या: 26 (एक नेपाली नागरिक सहित)
NSAB पुनर्गठन की तिथि: अप्रैल 2025
नए सदस्य: 6 (सेना, पुलिस, विदेश सेवा से)
NSAB की स्थापना: दिसंबर 1998
वर्तमान अध्यक्ष: आलोक जोशी (पूर्व RAW प्रमुख)
5. पाहलगाम हमले के बाद तुरंत क्या कदम उठाए गए?
हमले के तुरंत बाद, सरकार ने कश्मीर के आधे से अधिक पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया और शेष स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना वायुक्षेत्र बंद कर दिया। ये कदम बढ़ते तनाव और सख्त सुरक्षा उपायों की ओर संकेत करते हैं।
6. NSAB का पुनर्गठन भारत की सुरक्षा प्राथमिकताओं को कैसे दर्शाता है?
सेना, पुलिस और कूटनीति क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शामिल करने से यह स्पष्ट होता है कि भारत अब समग्र दृष्टिकोण अपनाना चाहता है। यह विविधता आतंकवाद से लेकर साइबर युद्ध तक, सभी प्रकार की जटिलताओं को समझने और रणनीतिक नीति निर्माण के लिए जरूरी है।
7. इस पुनर्गठन के व्यापक प्रभाव क्या हैं?
NSAB का पुनर्गठन दर्शाता है कि भारत अब सुरक्षा को लेकर और अधिक सक्रिय रणनीति अपनाने को तैयार है। अनुभवी पेशेवरों की भागीदारी से यह बोर्ड खतरों की पूर्व-मान्यता और उनका समाधान करने में सक्षम होगा। यह भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति कठोर रुख का संकेत भी देता है।
यह क्यों समझना ज़रूरी है?
पाहलगाम हमले के बाद NSAB का पुनर्गठन भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में अहम मोड़ को दर्शाता है। यह परिवर्तन आने वाली रक्षा नीतियों और आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण की समझ के लिए आवश्यक है। यह एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर राष्ट्र की दिशा में निर्णायक कदम है।
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