ISRO और NASA की साझेदारी से NISAR उपग्रह मिशन की तैयारी • ISRO and NASA

ISRO and NASA, ISRO और NASA द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया NISAR (निसार) उपग्रह जून 2025 में लॉन्च होगा। यह मिशन पृथ्वी की सतह, जलवायु और आपदाओं की निगरानी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

1. ISRO ने निसार लॉन्च की दिशा में अब तक क्या महत्वपूर्ण प्रगति की है?
28 अप्रैल 2025 को ISRO ने पुष्टि की कि NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar (NISAR) उपग्रह के लॉन्च की अंतिम तैयारियाँ चल रही हैं। 2024 में प्रस्तावित यह मिशन रडार एंटीना में गर्मी की समस्या के कारण विलंबित हुआ था। NASA के Jet Propulsion Laboratory में इसके रिफ्लेक्टिव कोटिंग को अपडेट किया गया। जनवरी 2025 तक बेंगलुरु में इसका पुनः एकत्रीकरण हुआ और अब इसे श्रीहरिकोटा में अंतिम जाँच के लिए भेजा गया है।

2. निसार मिशन में देरी क्यों हुई और इसे कैसे सुलझाया गया?
उपग्रह की 12 मीटर रडार परावर्तक में अधिक तापमान की समस्या आने पर NASA ने Jet Propulsion Laboratory में इसकी मरम्मत की। एक नई परावर्तक कोटिंग लगाई गई और दोबारा परीक्षण किया गया। C-130 विमान द्वारा इसे भारत भेजा गया, जहां ISRO ने सफलतापूर्वक इसे पुनः जोड़ा। ISRO की जनवरी 2025 की रिपोर्टों के अनुसार सभी जाँचें पूरी हुईं। यह मिशन वैज्ञानिकों की दोहरे सत्यापन की प्रक्रिया पर आधारित है, जिससे विश्वसनीयता सुनिश्चित हुई।

3. GSLV Mk II इस उपग्रह को कैसे प्रक्षेपित करेगा?
26 अप्रैल 2025 को GSLV Mk II रॉकेट का दूसरा चरण श्रीहरिकोटा भेजा गया, जो लॉन्च की तैयारियों का संकेत है। payload एकत्रीकरण प्रक्रिया चालू है। यह रॉकेट भारी उपग्रहों को भू-समकालिक कक्षा में भेजने में सक्षम है। Satish Dhawan Space Center की रिपोर्टों के अनुसार interface परीक्षण भी पूरे हो रहे हैं। पूर्व सफलताओं के आधार पर GSLV Mk II इस जटिल मिशन के लिए उपयुक्त मंच साबित हो रहा है।

4. निसार की तकनीकी विशेषता क्या है और यह पृथ्वी को कैसे स्कैन करेगा?
निसार उपग्रह दोहरी फ्रीक्वेंसी वाले Synthetic Aperture Radar (L-बैंड और S-बैंड) का प्रयोग करेगा। यह पृथ्वी की सतह में 1 सेंटीमीटर से भी कम बदलावों को माप सकेगा और हर 12 दिन में वैश्विक स्कैन करेगा। NASA के अनुसार प्रत्येक डेटा पिक्सेल टेनिस कोर्ट के आधे आकार के बराबर क्षेत्र को कवर करेगा। यह तकनीक बादल, वनस्पति और रात के समय में भी सटीक डेटा प्रदान करती है।

त्वरित तथ्य बॉक्स
📍 स्थान: श्रीहरिकोटा, भारत
📅 संभावित लॉन्च: जून 2025
🚀 प्रक्षेपण यान: GSLV Mk II
📡 पेलोड: NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar
🌍 कक्षा: सूर्य-समकालिक
📈 रडार प्रकार: दोहरी फ्रीक्वेंसी (L & S बैंड)
📷 स्कैन चक्र: हर 12 दिन
📊 पिक्सेल सटीकता: 1 सेंटीमीटर से कम
🤝 साझेदार: ISRO और NASA
🧪 उपयोग: जलवायु अध्ययन, आपदा प्रबंधन, भूमि परिवर्तन विश्लेषण

5. निसार पृथ्वी पर कौन-कौन से व्यावहारिक लाभ देगा?
निसार द्वारा प्राप्त डेटा आपदा प्रबंधन, ढाँचागत सुरक्षा और पारिस्थितिकी निगरानी में सहायता करेगा। यह भूस्खलन, हिमनदों और फसल की सेहत का पूर्वानुमान लगाने में उपयोगी होगा। इसकी दोहरी फ्रीक्वेंसी तकनीक वर्षभर सभी मौसमों में सटीक जानकारी देगी। भारत और अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसियाँ इसके डेटा को आपात चेतावनी प्रणालियों में उपयोग करेंगी। वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार, यह उपग्रह शहरी ताप द्वीप और वन क्षेत्र की निगरानी में अहम भूमिका निभाएगा।

6. यह मिशन भारत-अमेरिका के अंतरिक्ष सहयोग को कैसे सशक्त करता है?
NASA और ISRO के बीच यह अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त मिशन है, जो दोनों देशों की साझेदारी को नई ऊँचाइयाँ देता है। NASA के रडार और ISRO के प्रक्षेपण तंत्र के समन्वय से लागत में कमी और तकनीकी प्रगति संभव हुई है। भारत सरकार के विज्ञान मंत्रालय ने इसे भविष्य के अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए आदर्श बताया है। यह मिशन जलवायु और पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान में वैश्विक योगदान देने की क्षमता रखता है।

7. वैज्ञानिकों ने निसार के वैश्विक महत्व पर क्या कहा है?
NASA के वैज्ञानिक पॉल रोसेन ने कहा, “निसार हर सप्ताह पृथ्वी की सतह में बदलाव मापेगा, हर पिक्सेल टेनिस कोर्ट के आधे क्षेत्र जितना होगा।” ISRO के वैज्ञानिकों ने इसे “पृथ्वी अवलोकन में क्रांतिकारी कदम” बताया है। NASA और ISRO के आधिकारिक प्लेटफार्मों पर इन वक्तव्यों की पुष्टि की गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह उपग्रह पृथ्वी की सतह के छोटे-से-छोटे बदलावों को समझने में सहायक होगा, जो दीर्घकालिक जलवायु और भौगोलिक योजनाओं में सहायक सिद्ध होगा।

क्या बनाता है इस कहानी को ज़रूरी पढ़ना
NISAR निसार मिशन वैश्विक साझेदारी, उन्नत तकनीक और पर्यावरणीय विज्ञान की दिशा में भारत की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है, जो इसे 2025 की सबसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धियों में से एक बनाता है।

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An educator for over 14 years with a background in science, technology, and geography, I simplify complex social topics with clarity and curiosity. Crisp, clear, and engaging writing is my craft—making knowledge accessible and enjoyable for all.

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