पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के अंदर की झलक • Pope Francis Funeral
26 अप्रैल 2025 को पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार (Pope Francis Funeral) वैश्विक ध्यान आकर्षित कर रहा है। विश्व नेताओं की उपस्थिति, वेटिकन की सुरक्षा और आगामी पोप चयन प्रक्रिया इस समारोह को अत्यंत महत्वपूर्ण बनाते हैं।
इतिहास में सबसे अधिक उपस्थिति वाला पोप अंतिम संस्कार क्यों बन रहा है?
वेटिकन सिटी में 26 अप्रैल 2025 को होने वाला पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार “कई लाख” लोगों को आकर्षित करेगा, जैसा कि इटली की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने अनुमान लगाया है। इसमें 130 से अधिक विदेशी प्रतिनिधिमंडल, 50 राष्ट्राध्यक्ष और 10 सम्राट भाग लेंगे। यह उपस्थिति 2005 में पोप जॉन पॉल द्वितीय के ऐतिहासिक अंतिम संस्कार के बराबर या उससे अधिक मानी जा रही है, जो पोप फ्रांसिस के वैश्विक प्रभाव को दर्शाती है।
वेटिकन क्षेत्र में इतनी सख्त सुरक्षा क्यों लगाई गई है?
पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार से पहले वेटिकन के सेंट पीटर्स बेसिलिका क्षेत्र में अभूतपूर्व सुरक्षा तैनात की गई है। इटली और वेटिकन की सेनाओं ने स्नाइपर्स, नो-फ्लाई ज़ोन और फाइटर जेट्स को सक्रिय रखा है। ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की जैसे नेताओं की उपस्थिति सुरक्षा को और भी अहम बना देती है।
पोप फ्रांसिस के अंतिम दिनों ने वैश्विक सहानुभूति क्यों जगाई?
88 वर्षीय पोप फ्रांसिस का निधन 21 अप्रैल 2025 को हुआ, वह गंभीर निमोनिया से पीड़ित थे। उन्होंने अपने चिकित्सकों की सलाह के विरुद्ध जाकर ईस्टर संडे पर अंतिम सार्वजनिक प्रकट होकर लोगों को आशीर्वाद दिया। यह उनके अनुयायियों के लिए आश्चर्यजनक था। उन्होंने अपने अंतिम भाषण में हाशिए पर पड़े लोगों के पक्ष में आवाज उठाई, जिससे विश्वभर से शोक संदेशों की बाढ़ आ गई।
अंतिम संस्कार के बाद क्या होगा – और यह राजनीतिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है?
अंतिम संस्कार के बाद कैथोलिक चर्च एक अहम चरण में प्रवेश करेगा – नए पोप का चुनाव। 80 वर्ष से कम उम्र के लगभग 135 कार्डिनल्स वोटिंग के लिए योग्य हैं। कॉन्क्लेव 6 मई से 11 मई 2025 के बीच शुरू होगा। नए पोप का चुनाव चर्च की दिशा, सुधार, प्रवासन और वैश्विक मुद्दों पर प्रभाव डालेगा। कार्डिनल्स की बैठकें पहले ही शुरू हो चुकी हैं।
पोप की समाधि का स्थान इतना प्रतीकात्मक क्यों है?
26 अप्रैल को अंतिम संस्कार के बाद, पोप फ्रांसिस को रोम की संत मरिया माज्जोरे बेसिलिका में दफनाया जाएगा, जो उनका प्रिय चर्च था। उनकी कब्र पर केवल एक शब्द होगा – “Franciscus”। यह उनकी सादगी और विनम्रता का प्रतीक है। 27 अप्रैल से आम लोग उनकी समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि दे सकेंगे, जो अब एक प्रमुख कैथोलिक तीर्थस्थल बन जाएगी।
क्यों यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए
यह लेख धार्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास के एक निर्णायक क्षण को दर्शाता है। पोप फ्रांसिस का निधन शोक, राजनयिक संकेतों, वैश्विक सुरक्षा और नेतृत्व परिवर्तन से जुड़ा है। यह एक ऐतिहासिक घटना है, जिसे जानना हर जागरूक पाठक के लिए जरूरी है।
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