भारतीय सेना (Indian Army) ने 42,000 पेड़ लगाए

क्या हुआ?
17 अप्रैल 2025 को भारतीय सेना (Indian Army) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में स्वीकार किया कि दिल्ली रिज क्षेत्र में पुनर्वनीकरण परियोजना शुरू करने से पहले दिल्ली वन विभाग से कोई अनुमति या परामर्श नहीं लिया गया था। हालांकि, सेना ने 42,000 स्वदेशी पेड़ लगाए, जिनका निरीक्षण वन विभाग द्वारा जनवरी और फरवरी 2024 में किया गया था। सेना ने पुष्टि की कि यह कदम पर्यावरणीय सुधार के उद्देश्य से था और इसमें कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं था। बटालियन ने Miyawaki विधि का इस्तेमाल करते हुए 22,000 स्वदेशी पेड़ लगाए, जो अब छोटे जंगलों के रूप में विकसित हो गए हैं।

आपको क्या जानना चाहिए?
दिल्ली रिज क्षेत्र में 42,000 स्वदेशी पेड़ों को लगाने का उद्देश्य स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाना था, जिसमें कीकर पेड़ों को स्वदेशी पेड़ों से बदलने की योजना थी। सेना ने यह स्वीकार किया कि कुछ सूखे या गिरने वाले पेड़ों को हटाने से पहले वन विभाग से परामर्श नहीं किया गया था, जो एक लापरवाही थी। हालांकि, सेना ने इस मुद्दे पर सेंसिटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कदम उठाए गए हैं। परियोजना के अंतर्गत किए गए प्रयासों से स्थानीय वनस्पति और जीव-जंतुओं के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनी हैं।

अतिरिक्त जानकारी
पेंड्रा रोड-गेवरा रोड रेलवे लाइन परियोजना छत्तीसगढ़ में 90 प्रतिशत से अधिक पूरी हो चुकी है और यह कोयला परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है। यह परियोजना 2025 में पूरी होनी है और इसके लिए अब तक ₹4,304.72 करोड़ खर्च हो चुके हैं। यह रेलवे लिंक उत्तरी छत्तीसगढ़ की अपर्याप्त परिवहन संरचना को संबोधित करने के लिए बनाई जा रही है। परियोजना में पारिस्थितिकी संबंधी चिंताओं का ध्यान रखते हुए भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय मंजूरियों के साथ निर्माण कार्य जारी है। योजना के तहत कोयला परिवहन के लिए अधिक समग्र और स्थिर मार्ग प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।

Share this content:

An educator for over 14 years with a background in science, technology, and geography, I simplify complex social topics with clarity and curiosity. Crisp, clear, and engaging writing is my craft—making knowledge accessible and enjoyable for all.

Post Comment

You May Have Missed