2025 की खोज: मैग्नेटार की फ्लेयर्स से सोना और यूरेनियम कैसे बने? • Hidden Source of Gold

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2025 की एक क्रांतिकारी खोज में, अनिरुद्ध पटेल के नेतृत्व में किए गए अध्ययन ने खुलासा किया कि अत्यधिक चुंबकीय न्यूट्रॉन तारों—मैग्नेटार—की फ्लेयर्स हमारी आकाशगंगा में सोना और यूरेनियम जैसे भारी तत्वों का लगभग 10% उत्पादन कर सकती हैं। (Hidden Source of Gold and Uranium in the Universe)

1. अप्रैल 2025 ने खगोल भौतिकी में क्या ऐतिहासिक मोड़ लाया?
30 अप्रैल 2025 को, कोलंबिया विश्वविद्यालय के अनिरुद्ध पटेल ने The Astrophysical Journal Letters में एक शोध प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने प्रस्ताव रखा कि मैग्नेटार की फ्लेयर्स से आकाशगंगा के 10% भारी तत्व बन सकते हैं। यह सिद्धांत पहले के उस विश्वास को चुनौती देता है जिसमें माना जाता था कि भारी तत्व मुख्य रूप से न्यूट्रॉन तारा संलयन से बनते हैं। यह निष्कर्ष गामा-रे सिग्नल विश्लेषण द्वारा सत्यापित है और तत्वों की उत्पत्ति की हमारी समझ को बदल देता है।

2. मैग्नेटार ब्रह्मांडीय भट्टी के रूप में कैसे कार्य करते हैं?
मैग्नेटार अल्ट्रा-घन न्यूट्रॉन तारे होते हैं जिनकी चुंबकीय शक्ति सामान्य न्यूट्रॉन तारों से 1000 गुना अधिक होती है। एक चम्मच मैग्नेटार पदार्थ का भार धरती पर एक अरब टन होगा। सुपरनोवा के बाद बनते ये तारे ‘स्टारक्वेक’ के दौरान गामा-रे फ्लेयर्स निकालते हैं, जो लोहे से भारी तत्व बनाने में सक्षम होते हैं। आज केवल 30 ज्ञात मैग्नेटार हैं। वैज्ञानिक शोधों से यह जानकारी प्रमाणित हुई है।

3. क्या वास्तव में सोना और यूरेनियम तारकीय झटकों में बन सकते हैं?
हाँ। पटेल की टीम ने पाया कि मैग्नेटार फ्लेयर्स न्यूट्रॉन-समृद्ध पदार्थ को गर्म कर बाहर निकालते हैं, जिससे तीव्र न्यूट्रॉन कैप्चर (r-process) शुरू होता है। केवल मिलीसेकंड में परमाणु नाभिक कई न्यूट्रॉन ग्रहण कर सोना, यूरेनियम जैसे भारी तत्व बना सकते हैं। यह प्रक्रिया ब्रह्मांड में केवल 0.01% परिस्थितियों में संभव है और LIGO व Hubble से मिली पुरानी जानकारियों का समर्थन करती है।

4. 2004 की भूली हुई फ्लेयर ने भारी तत्वों के बारे में क्या बताया?
2004 में एक मैग्नेटार फ्लेयर से मिले गामा-रे डेटा में वैज्ञानिकों ने भारी तत्व निर्माण के सिद्धांत से मेल खाता हुआ सिग्नल देखा। सह-लेखक एरिक बर्न्स ने दृश्य या UV प्रकाश की जगह उच्च-ऊर्जा तरंगों की जांच का सुझाव दिया था। यह फ्लेयर गैलेक्सी SGR 1806-20 में हुआ, जो लगभग 50,000 प्रकाश-वर्ष दूर है। इस खोज से पटेल के सिद्धांत को और प्रमाणिकता मिली।

त्वरित तथ्य बॉक्स: ब्रह्मांडीय सोने की उत्पत्ति की खोज (2025)

तथ्य विवरण
खोज की तिथि 30 अप्रैल 2025
प्रमुख शोधकर्ता अनिरुद्ध पटेल, कोलंबिया विश्वविद्यालय
तत्वों का स्रोत मैग्नेटार की विशाल फ्लेयर्स
योगदान लोहे से भारी तत्वों का 10% तक
पुष्टि डेटा 2004 का नासा गामा-रे फ्लेयर

5. यह सिद्धांत खगोल भौतिकी को कैसे बदल रहा है?
इस शोध ने भारी तत्वों की उत्पत्ति को लेकर विज्ञान की दृष्टि को विस्तार दिया है। पहले यह माना जाता था कि न्यूट्रॉन स्टार मर्जर ही मुख्य स्रोत हैं, लेकिन अब मैग्नेटार एक अधिक बार होने वाली और स्थानीय प्रक्रिया के रूप में सामने आए हैं। यह खोज 100 से अधिक तारकीय प्रणालियों के तत्व वितरण मॉडल को प्रभावित कर सकती है और कई अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशालाओं द्वारा स्वतंत्र रूप से सत्यापित हुई है।

6. नासा का 2027 का COSI मिशन क्या भूमिका निभाएगा?
नासा का कॉम्पटन स्पेक्ट्रोमीटर एंड इमेजर (COSI), जो 2027 में लॉन्च होगा, मैग्नेटार फ्लेयर्स से निकलने वाले गामा-रे संकेतों की जाँच करेगा। यह थोरियम और प्लूटोनियम जैसे विशिष्ट तत्वों की पहचान करेगा। यह मिशन हर साल 10–20 फ्लेयर्स का विश्लेषण करेगा और पटेल के सिद्धांत को ठोस वैज्ञानिक समर्थन देगा। नासा का मानना है कि यह मिशन ब्रह्मांड में तत्व निर्माण की हमारी समझ को पुनर्परिभाषित कर सकता है।

7. वैज्ञानिक इस खोज को लेकर क्या कहते हैं?
अनिरुद्ध पटेल ने कहा, “यह जानकर बहुत रोमांचक है कि मेरे फोन या लैपटॉप के कुछ अंश इस अत्यंत विस्फोटक घटना में बने होंगे।” सह-लेखक एरिक बर्न्स ने जोड़ा कि अवलोकन की तरंग लंबाई बदलने से पूरा दृश्य बदल गया। इन टिप्पणियों को 30 अप्रैल 2025 को प्रेस विज्ञप्तियों और विश्वविद्यालय के इंटरव्यूज में सत्यापित किया गया।

इस कहानी को पढ़ना क्यों ज़रूरी है
यह समझाता है कि दुर्लभ मैग्नेटार के विस्फोट ब्रह्मांड में सोना और यूरेनियम बना सकते हैं—एक ऐसा विज्ञान जो खगोल भौतिकी को हमारी रोजमर्रा की चीज़ों से जोड़ता है।

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यह शोध आलेख मूलतः द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुआ था।

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An educator for over 14 years with a background in science, technology, and geography, I simplify complex social topics with clarity and curiosity. Crisp, clear, and engaging writing is my craft—making knowledge accessible and enjoyable for all.

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