Current Affairs करंट अफेयर्स 16 July 2025

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Current Affairs 16 July 2025. SC ने अभिव्यक्ति की आज़ादी की सीमाएं पुनर्परिभाषित कीं, PCR अधिनियम की कमियाँ उजागर हुईं, STEM में महिलाओं को मिला ध्यान, भारत ने हरित लक्ष्य हासिल किया। UPSC के लिए तैयार, सरल अपडेट।

🇮🇳 राष्ट्रीय मामले

डिजिटल गरिमा
SC ने प्रभावशाली लोगों के मामले में गरिमा को भाषण की स्वतंत्रता से ऊपर रखा

📝 जानिए क्या है मामला सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पाँच प्रभावशाली व्यक्तियों के खिलाफ विकलांग व्यक्तियों का मज़ाक उड़ाने के मामले की सुनवाई की। द हिंदू के अनुसार, कोर्ट ने यह माना कि अनुच्छेद 21 (गरिमा के साथ जीवन का अधिकार) की प्राथमिकता अनुच्छेद 19(1)(a) (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) पर होती है जब दोनों में टकराव हो। कोर्ट ने डिजिटल सामग्री को अपमानजनक और “निरुत्साहित करने वाली” बताया। अटॉर्नी जनरल को डिजिटल सामग्री के लिए नियम तय करने का निर्देश दिया गया, ताकि स्वतंत्रता और सम्मान के बीच भविष्य की संतुलन बन सके। कोर्ट ने हितधारकों से परामर्श की बात कही और प्रभावशाली लोगों की नैतिक जिम्मेदारी को दोहराया। यह भारत की डिजिटल न्यायशास्त्र में अहम बदलाव है।

📌 मुख्य निष्कर्ष:

  • SC ने ऑनलाइन भाषण पर गरिमा को प्राथमिकता दी
  • प्रभावशाली सामग्री पर नियंत्रण के लिए नियम बन रहे हैं
  • विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 को मजबूती मिली

नागरिक अधिकारों की कमी
PCR अधिनियम के बावजूद अस्पृश्यता बनी हुई है

📝 जानिए क्या है मामला सामाजिक न्याय मंत्रालय की 2022 की वार्षिक रिपोर्ट चौंकाने वाले आंकड़े दर्शाती है: PCR अधिनियम के तहत केवल 13 मामले दर्ज हुए, जबकि अदालतों में 1200 से अधिक मामले लंबित हैं। द हिंदू के अनुसार, 31 निपटाए गए मामलों में सिर्फ एक सजा हुई। राज्यों ने सतर्कता अधिकारी नियुक्त करने और रिपोर्ट जमा करने जैसे कर्तव्यों को निभाने में विफलता दिखाई। इसके विपरीत, SC/ST अधिनियम के तहत 62,501 मामले दर्ज हुए, जो बेहतर प्रवर्तन दर्शाता है। आंकड़े बताते हैं कि जागरूकता और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है, जबकि अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता को प्रतिबंधित करता है।

📌 मुख्य निष्कर्ष:

  • PCR अधिनियम का प्रवर्तन और सजा कम है
  • अधिकांश राज्यों ने रिपोर्टिंग की अनिवार्यता का पालन नहीं किया
  • अस्पृश्यता के मामले SC/ST अधिनियम के तहत ही सुलझाए जाते हैं

🌐 अंतरराष्ट्रीय मामले

BIMSTEC में बढ़त
दूसरे पोर्ट सम्मेलन का लक्ष्य समुद्री एकीकरण

📝 जानिए क्या है मामला विशाखापत्तनम में आयोजित दूसरे BIMSTEC पोर्ट सम्मेलन ने समुद्री परिवहन सहयोग समझौते को क्रियान्वित किया। भारत, जिसने पहले ही इसे अनुमोदित किया, ने अन्य देशों से शीघ्र कार्यान्वयन का आग्रह किया। सम्मेलन में PPP मॉडल, क्रूज़ पर्यटन, पोर्ट डिजिटाइज़ेशन और क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखला पर चर्चा हुई। यह भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीतियों के अनुरूप है और बंगाल की खाड़ी को क्षेत्रीय व्यापार में रणनीतिक भूमिका देने की दिशा में है।

📌 मुख्य निष्कर्ष:

  • BIMSTEC के तहत भारत नेतृत्व कर रहा है
  • समुद्री समझौता व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा
  • ब्लू इकोनॉमी और क्रूज़ पर्यटन रणनीतिक केंद्र में

🔬 विज्ञान और तकनीक

STEM विभाजन
महिलाएं डिग्री में आगे, नौकरियों में पीछे

📝 जानिए क्या है मामला द हिंदू और PLFS 2023–24 के अनुसार, भारत में STEM स्नातकों में 43% महिलाएं हैं, लेकिन STEM कार्यबल में उनकी हिस्सेदारी केवल 27% है। सामाजिक मान्यताएं, कार्यस्थल सुरक्षा की कमी और अपर्याप्त मार्गदर्शन इसके पीछे हैं। सरकार की NEP 2020, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, और ‘विज्ञान ज्योति’ जैसी योजनाएं बदलाव लाने की कोशिश कर रही हैं। फिर भी, ग्रामीण-शहरी विभाजन और उद्योग-अकादमिक असंतुलन प्रमुख बाधाएं हैं। McKinsey के अनुसार, इस अंतर को भरने से भारत के GDP में 700 अरब डॉलर तक की वृद्धि हो सकती है।

📌 मुख्य निष्कर्ष:

  • STEM शिक्षा और रोजगार के बीच महिलाओं की भागीदारी में भारी अंतर
  • NEP 2020 और स्किल इंडिया जैसे प्रयास समाधान प्रदान करते हैं
  • अंतर को पाटने से GDP में भारी वृद्धि संभव

🌿 पर्यावरण

RE मील का पत्थर
भारत ने 50% गैर-जीवाश्म क्षमता लक्ष्य समय से पहले हासिल किया

📝 जानिए क्या है मामला भारत की कुल स्थापित क्षमता में गैर-जीवाश्म स्रोतों की हिस्सेदारी 50.08% हो गई है, जो 2030 के लक्ष्य से पाँच साल पहले हासिल हुई। PIB के अनुसार, यह 184.62 GW की RE क्षमता को दर्शाता है, जो PM-KUSUM, सूर्य घर और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जैसी योजनाओं से प्रेरित है। ग्रीन बॉन्ड्स और रिवर्स बिडिंग जैसे वित्तीय उपकरणों ने लागत कम करने और अपनाने की गति बढ़ाने में मदद की। यह उपलब्धि भारत की पंचामृत प्रतिबद्धताओं से मेल खाती है।

📌 मुख्य निष्कर्ष:

  • भारत ने जलवायु लक्ष्य समय से पहले पूरा किया
  • सौर और पवन ऊर्जा स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दे रहे हैं
  • नीतियां और वित्तीय उपकरण निर्णायक साबित हुए

🗺️ भूगोल

ELV में देरी
पुराने वाहनों पर NCR में ईंधन प्रतिबंध टला

📝 जानिए क्या है मामला CAQM ने NCR में ELVs (अंत-जीवन वाहन) को ईंधन भरवाने पर प्रतिबंध को 1 नवंबर 2025 तक टाल दिया है। बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, 2 करोड़ ELVs BS-VI वाहनों की तुलना में 12 गुना अधिक प्रदूषण करते हैं। योजना में ANPR कैमरा प्रवर्तन और VAHAN डेटाबेस जाँच शामिल है। लेकिन अधोसंरचना की कमी और जनता की तैयारी में कमजोरी के कारण प्रतिबंध स्थगित किया गया। अनौपचारिक स्क्रैपिंग प्रक्रियाएं भी प्रदूषण की चुनौती बनी हुई हैं।

📌 मुख्य निष्कर्ष:

  • NCR में पुराने वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध नवंबर 2025 तक टला
  • ELVs से भारी प्रदूषण और सड़क सुरक्षा जोखिम
  • भारत ELV प्रवर्तन ढांचे को सख्त बनाने की तैयारी में

🧪 इतिहास और पुरातत्व

कमराज को श्रद्धांजलि
PM मोदी ने “कळ्वी தந்தை” को याद किया

📝 जानिए क्या है मामला 15 जुलाई को मद्रास के दूरदर्शी मुख्यमंत्री K. कमराज की जयंती मनाई गई। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा और मध्यान्ह भोजन योजना में क्रांति लाई। स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिक रणनीतिकार, कमराज ने स्वतंत्रता के बाद की राजनीति में दो प्रधानमंत्री—शास्त्री और इंदिरा गांधी—के चयन में अहम भूमिका निभाई। उनकी शिक्षा संबंधी सुधारों ने उन्हें “कळ्वी தந்தை” (शिक्षा का पिता) की उपाधि दिलाई। कांग्रेस के विभाजन के बाद उन्होंने कांग्रेस संगठन का नेतृत्व किया।

📌 मुख्य निष्कर्ष:

  • तमिलनाडु में शिक्षा सुधारों के अग्रदूत थे कमराज
  • स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिक मार्गदर्शक के रूप में याद किए जाते हैं
  • भारत के लोकतांत्रिक विकास में अहम योगदान रहा

🧑‍🔬 समाचार में

कार्बन बढ़त
DRDO-AIIMS ने स्वदेशी कार्बन फाइबर कृत्रिम अंग लॉन्च किया

📝 जानिए क्या है मामला DRDL और AIIMS ने ‘मेड इन इंडिया’ कार्बन फाइबर कृत्रिम अंग विकसित किया है, जिससे आयात पर निर्भरता और लागत कम हुई है। यह फाइबर, जो सामान्यतः एयरोस्पेस और खेलों में उपयोग होता है, अब चिकित्सा क्षेत्र में अपनी हल्की मजबूती और जैव अनुकूलता के कारण प्रयोग में लाया जा रहा है। द हिंदू के अनुसार, भारत अभी तक अपना सारा कार्बन फाइबर अमेरिका और जापान से आयात करता था। यह नवाचार भारत को चिकित्सा तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम है।

📌 मुख्य निष्कर्ष:

  • स्वदेशी कृत्रिम अंग ने आयात लागत कम की
  • कार्बन फाइबर अब भारतीय चिकित्सा उपकरणों में प्रयोग हो रहा है
  • ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को स्वास्थ्य क्षेत्र में बल मिला

🏆 पुरस्कार और सम्मान

पशु खोज
भारत में 683 नई पशु प्रजातियाँ दर्ज की गईं

📝 जानिए क्या है मामला भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) की 2024 रिपोर्ट में 459 नई पशु प्रजातियाँ और 224 भारत के लिए नई रिकॉर्ड्स दर्ज किए गए हैं, विशेष रूप से पश्चिमी घाट और उत्तर-पूर्व जैसे जैव विविधता वाले क्षेत्रों में। एक नई खोजी गई साँप प्रजाति Anguiculus dicaprioiको अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो के पर्यावरणीय प्रयासों के सम्मान में नामित किया गया। केरल ने सबसे अधिक 101 प्रजातियों की खोज के साथ नेतृत्व किया, जो उसके पारिस्थितिक समृद्धि को दर्शाता है। ये खोजें कम ज्ञात वन्यजीव निवासों की रक्षा की आवश्यकता को उजागर करती हैं।

📌 मुख्य निष्कर्ष:

  • 2024 में भारत में 680 से अधिक नई पशु प्रजातियाँ दर्ज की गईं
  • केरल और उत्तर-पूर्व जैव विविधता में आगे
  • प्रजातियों की खोज संरक्षण की तात्कालिकता को दर्शाती है

🧾 अंतिम मुख्य बिंदु

  • SC ने सोशल मीडिया मामले में गरिमा को भाषण से ऊपर रखा
  • PCR अधिनियम का प्रवर्तन कमजोर; अस्पृश्यता अब भी मौजूद
  • भारत ने BIMSTEC के तहत समुद्री व्यापार में नेतृत्व किया
  • STEM कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी अब भी कम
  • भारत ने 50% गैर-जीवाश्म क्षमता का लक्ष्य समय से पहले पूरा किया
  • NCR में ELVs पर ईंधन प्रतिबंध नवंबर 2025 तक टला
  • कमराज को शिक्षा सुधारों के अग्रदूत के रूप में सम्मानित किया गया
  • DRDO-AIIMS ने कम लागत वाला कार्बन फाइबर कृत्रिम अंग विकसित किया
  • भारत में 2024 में 683 नई पशु प्रजातियाँ खोजी गईं
  • विश्व युवा कौशल दिवस डिजिटल तैयारियों को रेखांकित करता है

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Soni has spent over six years writing about the world as she sees it—vibrant, complex, and always changing. She’s passionate about exploring how culture, politics, lifestyle, travel, and art shape our everyday lives. Whether she’s covering a colorful festival or reflecting on a global event, Soni brings a warm, thoughtful voice to every story. She turns her observations into clear, relatable knowledge—helping readers connect the dots, think deeper, and see the familiar in new, meaningful ways.

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