18वीं सदी का ऑस्ट्रियाई ममी प्राचीन शव-संरक्षण के रहस्य को उजागर करता है • Austrian Mummy

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ऑस्ट्रिया में एक पादरी की ममी (Austrian Mummy) की पहचान हुई है, जिसमें एक दुर्लभ शव-संरक्षण विधि का पता चला। यह अध्ययन चिकित्सा इतिहास को पुनर्परिभाषित करता है और पारंपरिक मान्यताओं को चुनौती देता है।

1. इस ऑस्ट्रियाई ममी ने सदियों तक कौन से रहस्य छिपाए रखे थे?
मई 2025 में वैज्ञानिकों ने ऑस्ट्रिया के सेंट थॉमस एम ब्लासेनस्टीन के गिरजाघर की तहखाने में मिली एक बेहद संरक्षित ममी की पहचान की। यह 1746 में मृत पादरी फ्रांज़ ज़ैवर सिडलर वॉन रोज़ेनेग की थी। दशकों तक स्थानीय लोग इसे “एयर-ड्राइड चैप्लेन” कहते रहे। रेडियोकार्बन डेटिंग और सीटी स्कैन जैसे आधुनिक फॉरेंसिक तरीकों ने इसकी पहचान सुनिश्चित की। ममी का धड़ बेहद सुरक्षित था, जिससे वैश्विक जिज्ञासा और ऐतिहासिक पुनर्मूल्यांकन को बल मिला।

2. यह शव-संरक्षण विधि इतनी अनोखी क्यों थी?
पारंपरिक विधियों में जहां अंगों को सर्जरी से हटाया जाता है, यहाँ पर संरक्षक पदार्थों को मलद्वार से डाला गया—जो अब तक अज्ञात था। शरीर के अंदर फ़र और स्प्रूस की लकड़ी की छीलन, रेशम और कपड़ा मिला। रासायनिक विश्लेषण में जिंक क्लोराइड और आर्सेनिक जैसे सुखाने वाले तत्व पाए गए। बिना किसी चीरे के संरक्षित यह तरीका यूरोप की ज्ञात तकनीकों से बिल्कुल अलग था। डॉ. एंड्रियास नेरलिच के अनुसार, यह खोज पुरातात्विक रोगविज्ञान की परिभाषा बदल सकती है।

3. यह व्यक्ति कौन था?
फ्रांज़ ज़ैवर सिडलर वॉन रोज़ेनेग 18वीं सदी के मध्य में एक पादरी थे। मृत्यु के समय उनकी उम्र 35 से 45 वर्ष के बीच थी। हड्डियों और मांसपेशियों के विश्लेषण से पता चला कि वे शारीरिक रूप से निष्क्रिय जीवन जीते थे—जैसा एक धर्मगुरु के लिए सामान्य है। उनका आहार अनाज, मांस और ताजे पानी की मछलियों पर आधारित था। अध्ययन में तपेदिक और लंबे समय तक धूम्रपान के संकेत भी मिले। यह जानकारी इस ऐतिहासिक व्यक्ति को मानवीय रूप में सामने लाती है।

4. शरीर को सुरक्षित रखने के लिए कौन से तत्व उपयोग में लिए गए?
शव-संरक्षण में प्रयुक्त सामग्री पूरी तरह स्थानीय और जैविक थी। शरीर की गुहा में फ़र और स्प्रूस की लकड़ी की छीलन, लिनन, सन, रेशम के टुकड़े मिले। विष परीक्षण में जिंक क्लोराइड, कॉपर और आर्सेनिक की मौजूदगी पाई गई। इन सबने मिलकर एक सुखाने वाला वातावरण बनाया जिससे सड़न रुकी। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये सामग्री स्थानीय रूप से उपलब्ध थी और इसमें प्रतीकात्मक महत्व भी हो सकता है।

📌 त्वरित तथ्य बॉक्स

विवरण जानकारी
मृतक का नाम फ्रांज़ ज़ैवर सिडलर वॉन रोज़ेनेग
मृत्यु की तारीख 1746
खोज स्थल सेंट थॉमस एम ब्लासेनस्टीन, ऑस्ट्रिया
शोधकर्ता डॉ. एंड्रियास नेरलिच और टीम, LMU म्यूनिख
प्रकाशन फ्रंटियर्स इन मेडिसिन, मई 2025
अनूठी विशेषता मलद्वार से संरक्षक डालने की तकनीक
संरक्षण तत्व जिंक क्लोराइड, आर्सेनिक, लकड़ी के चिप्स, रेशम

5. क्या इस संरक्षण का कोई धार्मिक या प्रतीकात्मक अर्थ था?
इतिहासकार मानते हैं कि यह विधि धार्मिक रीति-रिवाजों या स्थानीय परंपराओं से जुड़ी हो सकती है। एक कांच की माला मिली, जो संभवतः मठवासी परिधान का हिस्सा रही हो। शरीर में कोई चीरा नहीं होने से यह प्रतीत होता है कि शरीर की पवित्रता बनाए रखी गई। एक अन्य मत यह है कि शव को वॉल्डहाउसेन मठ ले जाना था, लेकिन अज्ञात कारणों से वह वहीं रह गया।

6. यह खोज आधुनिक फॉरेंसिक को कैसे प्रभावित करती है?
यह यूरोप में इस तरह की तकनीक का पहला प्रमाणित मामला है। अब वैज्ञानिकों को अज्ञात संरक्षण तकनीकों को भी ध्यान में रखना होगा। यह अध्ययन सीटी स्कैन, आइसोटोप परीक्षण और विष-विश्लेषण की महत्ता को दर्शाता है। डॉ. नेरलिच के अनुसार, “इस तरह की खोजें ऐतिहासिक शव-संरक्षण के औज़ारों की सूची को बढ़ाती हैं।”

7. पहले के अध्ययन इस ममी में क्या नहीं देख पाए थे?
2000 में ऑस्ट्रियाई फार्माकोलॉजिस्ट बर्नहार्ड एक्स. मेयर ने पोर्टेबल एक्स-रे से ममी की जांच की थी और विषाक्तता का संदेह जताया था। लेकिन नई तकनीकों ने इस संभावना को नकार दिया। यह ममी रासायनिक तत्वों और प्राकृतिक सुखाने से सुरक्षित रही थी। नवीनतम वैज्ञानिक उपकरणों ने पिछले निष्कर्षों को पुनर्परिभाषित किया है।

8. यह कहानी क्यों पढ़ी जानी चाहिए?
यह खोज विज्ञान, संस्कृति और रहस्य का संगम है। यह दर्शाती है कि सदियों पुरानी लाशें भी भूले-बिसरे रीति-रिवाजों का रहस्य खोल सकती हैं, और इतिहास को नई दृष्टि से देखने की प्रेरणा देती हैं।

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यह आलेख मूलतः फ्रंटियर्स में प्रकाशित हुआ था।

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An educator for over 14 years with a background in science, technology, and geography, I simplify complex social topics with clarity and curiosity. Crisp, clear, and engaging writing is my craft—making knowledge accessible and enjoyable for all.

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