पहलगाम का भूगोल, संस्कृति और रणनीतिक महत्व• Pahalgam’s Significance
पहलगाम, जम्मू और कश्मीर में भूगोल, संस्कृति और रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है (Pahalgam’s Significance)। जानिए कैसे यह क्षेत्र पर्यटन, धर्म, रक्षा और पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
1. जम्मू-कश्मीर में पहलगाम को भूगोलिक रूप से अनोखा क्या बनाता है?
पहलगाम जम्मू-कश्मीर के लिद्दर घाटी में 2,740 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह लिद्दर और शेषनाग नदियों के संगम स्थल के रूप में जाना जाता है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, इसकी जलधाराएं कृषि और पर्यटन को बनाए रखने में सहायक हैं। गर्मियों में हरियाली के चरम पर होने के कारण यह क्षेत्र प्राकृतिक संतुलन में अहम योगदान देता है।

2. पर्यटन में पहलगाम की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?
जम्मू और कश्मीर पर्यटन विभाग के 2023 के आंकड़ों के अनुसार, पहलगाम हर साल लगभग 7 लाख पर्यटकों को आकर्षित करता है। बेताब घाटी, आरू घाटी और घास के मैदान इसे लोकप्रिय बनाते हैं। 2022 में पर्यटन से क्षेत्र में लगभग ₹1200 करोड़ ($150 मिलियन) की आय हुई, जिसमें पहलगाम की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रही, खासकर ट्रेकिंग और रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियों के कारण।

3. सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से पहलगाम इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
पहलगाम अमरनाथ यात्रा का प्रमुख आधार स्थल है, जो हिंदू धर्म की एक पवित्र तीर्थयात्रा है। हर वर्ष लगभग 4 लाख श्रद्धालु कठोर मार्गों से गुजरकर अमरनाथ गुफा तक पहुंचते हैं। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार, यह यात्रा धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए मौसमी रोजगार का एक बड़ा स्रोत भी है, जो सामुदायिक सद्भाव को बढ़ावा देती है।

4. भारतीय सुरक्षा के लिए पहलगाम रणनीतिक रूप से क्यों अहम है?
पिर पंजाल पर्वत श्रृंखलाओं और संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों के निकटता के कारण पहलगाम रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। भारत के गृह मंत्रालय की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, अमरनाथ यात्रा के दौरान क्षेत्र में लगभग 40,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं ताकि आतंकवाद और घुसपैठ की कोशिशों को रोका जा सके।

5. जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था में पहलगाम का योगदान कैसा है?
2023 की जम्मू-कश्मीर योजना विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कश्मीर के पर्यटन राजस्व का लगभग 20% पहलगाम से आता है। पर्यटन के अलावा, यहां के सेब के बागान और अखरोट की खेती ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। साथ ही, आतिथ्य उद्योग भी यहाँ बड़े पैमाने पर रोजगार उत्पन्न करता है।

6. पर्यावरण संरक्षण में पहलगाम की क्या भूमिका है?
पहलगाम हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र का एक संवेदनशील हिस्सा है। 2003 में स्थापित पहलगाम विकास प्राधिकरण द्वारा कड़े पर्यावरण संरक्षण नियम लागू किए गए हैं। पर्यावरण प्रभाव आकलन 2022 के अनुसार, पिछले एक दशक में हरित क्षेत्र में 12% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे मृदा अपरदन को रोकने और स्थानीय जैव विविधता को संरक्षित करने में मदद मिली है।

7. ऐतिहासिक दृष्टि से पहलगाम ने सांस्कृतिक रूप से कैसे विकास किया?
इतिहास में पहलगाम बकरवाल और गुज्जर जैसी घुमंतू जनजातियों का आवास रहा है। पुरातत्व सर्वेक्षणों से 8वीं सदी ईस्वी के हिंदू मंदिरों के प्रमाण मिले हैं। आज पहलगाम इस्लामिक और हिंदू संस्कृतियों का समृद्ध मिश्रण प्रदर्शित करता है, जहाँ त्योहारों, मेलों और लोकसंगीत के माध्यम से सांस्कृतिक विविधता जीवित है।
8. यह कहानी पढ़ना क्यों जरूरी है?
पहलगाम का भूगोल, संस्कृति और रणनीतिक महत्व जानने से भारत की सुरक्षा, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझा जा सकता है। यही इसे पढ़ने योग्य बनाता है।

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