भारत 5 के सबसे बड़े वन • Largest Forests
सुंदरबन, गिर और नामदाफा जैसे भारत के विशाल वन (Largest Forests) विविध पारिस्थितिक तंत्रों और प्रजातियों को संरक्षित करते हैं। ये वन जलवायु नियंत्रण, वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सुंदरबन वन वैश्विक पारिस्थितिक धरोहर क्यों है?
पश्चिम बंगाल में स्थित सुंदरबन 10,000 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र में फैला दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और रॉयल बंगाल टाइगर व गंगा डॉल्फिन जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है। मार्च 2025 तक, यह तटीय कटाव रोकने और चक्रवातों से सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

गुजरात का गिर वन वन्यजीव संरक्षण का शिखर क्यों है?
गिर वन 1,412 वर्ग किमी में फैला है और यह एशियाई शेर का एकमात्र प्राकृतिक आवास है। 2020 की गणना के अनुसार यहां 674 से अधिक शेर हैं, जो भारत की सफल संरक्षण नीति का प्रमाण हैं। यह वन 2,375 से अधिक प्रजातियों का घर है और पारिस्थितिकी पर्यटन के लिए एक आदर्श उदाहरण भी बन चुका है।

नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान भारत की जैव विविधता को कैसे परिभाषित करता है?
अरुणाचल प्रदेश में स्थित नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान 1,985 वर्ग किमी में फैला है और यह एशिया के सबसे समृद्ध जैव विविधता वाले क्षेत्रों में शामिल है। यह भारत का एकमात्र क्षेत्र है जहां बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ और क्लाउडेड तेंदुआ एक साथ पाए जाते हैं। 2024 तक इसमें 1,000 से अधिक वनस्पति और 425 पक्षी प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघ संरक्षण में कैसे अग्रणी भूमिका निभा रहा है?
1936 में स्थापित उत्तराखंड का जिम कॉर्बेट भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है, जो 1,318 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है। 2022 की बाघ गणना के अनुसार, यहां 250 से अधिक बाघ हैं। यह पार्क साल, पर्णपाती व घास के जंगलों से युक्त है, और हाथी, तेंदुआ, व घड़ियाल जैसी प्रजातियों को भी आश्रय देता है।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान गैंडे संरक्षण में वैश्विक मॉडल कैसे बन गया है?
असम में स्थित काजीरंगा 1,090 वर्ग किमी में फैला है और यहां 2,600 से अधिक एक सींग वाले भारतीय गैंडे हैं, जो विश्व की कुल आबादी का 70% है। 2023 तक यहां शिकार की दर लगभग शून्य रही है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और बाढ़ मैदान पारिस्थितिकी का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।

यह कहानी पढ़ना क्यों ज़रूरी है?
भारत के विशाल वन केवल हरित क्षेत्र नहीं, बल्कि विश्व जैव विविधता के संवाहक हैं। यह लेख इंडिया टुडे और फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा प्रमाणित तथ्यों पर आधारित है। ये जंगल वन्यजीव संरक्षण, सांस्कृतिक धरोहर और जलवायु संतुलन के लिए ज़रूरी हैं। 2025 और आगे के लिए ये एक स्थायी भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।
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