पाकिस्तान में क्या होगा इंडस जल संधि (Indus Water Treaty) समाप्त होने से

​भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान में सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) समाप्त कर दी जिनकी वजह से पाकिस्तान में कई महत्वपूर्ण प्रभाव देखे गए हैं, जो देश की जल, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण और कूटनीतिक स्थिति को प्रभावित करते हैं।

1. सिंधु जल संधि निलंबन से पाकिस्तान की कृषि पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
पाकिस्तान की कृषि प्रणाली सिंधु नदी पर अत्यधिक निर्भर है, जो देश की लगभग 80% सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करती है। संधि के निलंबन के बाद पंजाब और सिंध प्रांतों में जल आपूर्ति में कमी आएगी, जिससे गेहूं, चावल और कपास जैसी फसलों की पैदावार घटने की आशंका बढ़ेगी। इससे खाद्य सुरक्षा पर गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है।

2. पाकिस्तान की ऊर्जा आपूर्ति पर क्या असर पड़ेगा?
पाकिस्तान की जलविद्युत परियोजनाएँ, जैसे कि नीलम-झेलम (969 मेगावाट) और दासू डैम (4320 मेगावाट), सिंधु नदी पर आधारित हैं। संधि का निलंबन इन परियोजनाओं की जल आपूर्ति को बाधित करेगा, जिससे बिजली उत्पादन में गिरावट आएगी और देश को ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ेगा। इससे औद्योगिक उत्पादन और घरेलू उपभोग दोनों प्रभावित हो सकते हैं।

3. क्या पर्यावरणीय असंतुलन की स्थिति उत्पन्न होगी?
संधि निलंबन के बाद सिंधु डेल्टा क्षेत्र में पर्यावरणीय असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। मीठे पानी की उपलब्धता घटने से मछली पालन और कृषि पर निर्भर लगभग 75% स्थानीय आबादी की आजीविका खतरे में पड़ सकती है। समुद्री जल के अंदरूनी क्षेत्रों में प्रवेश से भूमि की उर्वरता में भी गिरावट आ सकती है, जिससे दीर्घकालिक पर्यावरणीय संकट उत्पन्न होगा।

4. क्या यह भारत का एक कूटनीतिक दबाव बनेगा?
भारत द्वारा सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कूटनीतिक दबाव का साधन बनेगा। पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन के लिए अधिक आलोचना का सामना करना पड़ेगा और उसकी वैश्विक छवि को क्षति पहुँचेगी। इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान की स्थिति कमजोर हो सकती है और उसकी नीतिगत विश्वसनीयता पर प्रश्न खड़े होंगे।

5. पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
संधि के निलंबन से पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में अस्थिरता बढ़ सकती है। विपक्षी दल सरकार की विदेश नीति और सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाएंगे, जिससे राजनैतिक टकराव तेज होगा। जनता में असंतोष उभर सकता है, विशेषकर यदि इससे कृषि और बिजली जैसी बुनियादी सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे सरकार पर घरेलू दबाव और बढ़ेगा।

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An educator for over 14 years with a background in science, technology, and geography, I simplify complex social topics with clarity and curiosity. Crisp, clear, and engaging writing is my craft—making knowledge accessible and enjoyable for all.

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